एमएलए मंदा म्हात्रे
समुंदर में तूफान आने के पहले समुंदर शांत रहता है किसी को अंदाजा भी नहीं लगता है और सुनामी का रूप धारण कर लेता है और फिर उसका अंजाम सब जानते हैं,ठीक उसी तरह मंदा ताई भी एक चालाक और सुलझे हुवे नेता की तरह सब पर अपनी नजर गड़ाए बैठ कर तमाशा देख रही है,और मोका मिलते ही घायल शेरनी की तरह झपटेगी सभी लोग जानते हैं नवी मुम्बई मे जमीनी हकीकत बदल चुका है राजा से रंक बन ने मे समय नहीं लगता है,इतिहास गवाह है नारी के आंखों के आसू तबाही का मंजर पैदा कर देती है एक एक आंसू के पीछे सारे ईश्वरीय शक्तियां खड़ी होजती है।
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